Courtesy: https://www.youtube.com/watch?v=E2RizFBa634
तो क़ुरान शरीफ के बारे में मैं बहुत सारी बातें कहने लगु की कुरान शरीफ में बहुत सी ऐसी आयतें हैं जो आदमी को हथियार उठाने और गैर मुस्लिमो को क़त्ल करने की इजाज़त देती है तो मैं इस में क्या बुरी बात कह रहा हूँ ये तोह लिखा हुआ है।
तो आप कहेंगे की देखिये साहब पुष्पेंद्र साहब तो गलत कह रहे है, कुरान शरीफ में तो ऐसा नहीं लिखा।
तो मैं बता देता हूँ एक मिसाल दे के :
कुरान मजीद में एक आयत ये कहती है – “किसी एक इंसान का क़त्ल पूरी इंसानियत का क़त्ल ह।”
कितना अच्छा है ये सुनने में , कितना खूबसूरत है वाह ! वाह ! वाह ! कमाल कर दिया साहब।
लेकिन पांच पन्ने पढ़ कर आगे जाएंगे तो उस में दूसरी जगह जिहाद लिखा हुआ है की “जो मुशरिक (कहते हैं मूर्ती पूजा को ,,, जो मुशरिक आपके धरम को न माने, उसे एक्सेप्ट करने से मन कर दे, उसे आप लालच दें , अगर न माने तो धमकाएं , उसको डराएं , और वो अल्लाह को और रसूल को न माने तो उसका क़त्ल वाजिब हैं। अब आप मुझे बताइये की एक तरफ लिख रहे हैं की इंसानियत का क़त्ल है एक का मारने पे और पांच पन्ने बाद आप कहते हैं की जो आपके मज़हब को न माने आपके रसूल को न माने, आपके अल्लाह पर यकीन न लाये उसका क़त्ल जस्टिफाई है। तो भाई ये जो ISIS
कर रही है ये कुरान शरीफ पढ़ के कर रही है। ये ISIS गलत नहीं है, ये मक्का और मुनाफ़िक़ ISIS
को कवर देने के लिए सच बात नहीं बताना चाहते की प्रॉब्लम कहाँ है, प्रॉब्लम की तरफ ध्यान न जाए और इधर बाहर बाहर की बातें होती रहे, ये वो लोग है।
आपको एक घटना याद होगी डेनमार्क की, की डेनमार्क में किसी ने एक कार्टून बना दिया था मोहम्मद साहब का। पता नहीं आपको ये घटना के बारे में पता है की नहीं पता है। कई साल पूर्रणी घटना है मैं उस वक़्त पाकिस्तान में था। किसी आदमी ने, डेनमार्क के वहां के एक कार्टूनिस्ट ने मोहम्मद साहब की एक तस्वीर बना दी, ये अलग बात है की मोहम्मद साहब ने अपने जीते जी ये कहा की न मेरी कोई तस्वीर होगी न मेरी कोई कब्र होगी न मेरी कोई चीज़ नहीं होनी चाहिए क्यूंकि जिस मूर्ती पूजा के खिलाफ इस्लाम शुरू हुआ था लोग कहीं ऐसा न हो की मेरी कब्र को ही पूछने लगे।
ये उनका मानना था, वो अपनी हिदायतों में ये कह कर गए हैं।
अब किसी आदमी ने कोई शकल बना दी और उसके ऊपर बवाल हो गए , उसने उसके नीचे मोहम्मद लिख दिया।
मार काट हो गयी , डेनमार्क से लेकर हिन्दोस्तान में हो गया , लाहौर में मैं उस समय था तो लाहौर के अंदर लोगों को मारा पीटा गया।
आप मुझे बताइये , डेनमार्क में किसी आदमी ने कार्टून बनाया, आपने लाहौर में शियाओं को मारना शुरू कर दिया। उनका क्या कसूर था भाई, उनका रिश्तेदार भी नहीं था वो तो बेचारा। वो भी इस्लाम को मानने वाले हैं, वो भी किताब को मानने वाले हैं , वो भी मोहम्मद साहब के फोल्लोवेर हैं , आपने उनको मरना शुरू कर दिया। आपने अहमदियों को मारना शुरू कर दिया। दिल्ली के अंदर दंगा हुआ , और शहरों के अंदर दंगा हुआ।
लेकिन यही मुस्लमान जो मोहम्मद साहब को ले कर इतना सेंसिटिव हैं , होना चाहिए , ठीक है , उनके पैगम्बर हैं , उनसे एक सवाल मेरा लगातार है , की जैश -ऐ-मोहम्मद का क्या मतलब है। जैश – ऐ – मोहम्मद आप सब जानते हैं एक आतंकवादी संगठन है, कराची में हेड ऑफिस है, अज़हर महमूद उसका चीफ है।
तो जैश – ऐ – मोहम्मद का क्या मतलब है, लश्कर – ऐ – तोइबा का क्या मतलब है।
जैश ऐ मोहम्मद का मतलब है मोहम्मद की फ़ौज।
ये मोहम्मद कौन है। ये मोहम्मद आज़म नहीं है। ये मोहम्मद साहब है । लश्कर ऐ तोइबा – पवित्र लोगों की फ़ौज।
तो जो मुस्लमान मोहम्मद साहब को ले कर इतनी चिंता करते हैं, इतने गुस्से में आ जाते हैं, वो कभी जैश – ऐ – मोहम्मद के चीफ और पाकिस्तान के लोगों से और मुसलमानो से नहीं पूछते , की कम्बख्तों तुम बताओ तुमको जो आतंकवाद करना है वो करो लेकिन मोहम्मद के नाम से तुमने फ़ौज क्यों बनाई है। इस में मोहम्मद की तौहीन हो रही है की नहीं हो रही है , उनके खिलाफ तुम क्यों नहीं मार रहे हो , उनके खिलाफ तुम हथियार क्यों नहीं उठाते हो ? तो ये क्या बात है की डेनमार्क मे एक तस्वीर बना दी तो आप हर जगह मारेंगे। लेकिन जो लोग मोहम्मद के बारे में , उनकी शान में गुस्ताखी कर रहे हैं , उनको छोटा कर रहे हैं , उनको आतंकवादी के शकल में दिखा रहे हैं , उसके खिलाफ आप हथियार नहीं उठाएंगे, तो ये मक्कारी है की नहीं भाई ?
आपको तो पहले उनको क़त्ल करना चाहिए जो मोहम्मद की शान में गुस्ताखी कर रहे हैं , मोहम्मद के नाम को छोटा कर रहे हैं , मोहम्मद की बेइज़त्ती कर रहे हैं। तो वहां तो आप चुप्पी साध जाते हैं , लश्कर ऐ टपिबा के बारे में नहीं बात करेंगे आप , दुख्तराने मिल्लत के बारे में आप बात नहीं करेंगे, ये पाखण्ड जो है हमारे देश में किन कारणों से चल रहा है इसका सिर्फ एक मिसाल आपको देता हूँ :
एक डॉक्यूमेंट है जिसका नाम है गज़वा – ऐ – हिन्द। ये डॉक्यूमेंट धार्मिक डॉक्यूमेंट है , इस डॉक्यूमेंट का सिर्फ इतना ही मतलब है , की पूरी दुनिया में इस्लाम उस दिन कम्पलीट होगा जब भारत में इस्लाम की हुकूमत नफीस होगी।